Education

बच्चो की आत्महत्या के जिम्मेदार माता पिता या स्कूल कोचिंग ?

नई दिल्ली, सितम्बर 20: भारत में छात्र आत्महत्या के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। जितने भारत में टॉपर्स निकल रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। सिर्फ 10वीं-12वीं या कॉलेज के बच्चों के ही नहीं, बल्कि इससे भी ज्यादा कक्षा 4 से लेकर कक्षा 9 तक के बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? माता-पिता, स्कूल या खुद बच्चे? इसी विषय पर हमारी बातचीत BIYZEN Youth Services के डायरेक्टर श्री अमनदीप से हुई।अमनदीप ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से समझाया।उन्होंने बताया कि भारत आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और इस बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। हर इंसान को तनाव का सामना करना पड़ता है, चाहे वह 8 साल का बच्चा हो या 60 साल का वयस्क। पिछले दो दशकों में मानसिक सहनशीलता की कमी के कारण कई बदलाव हुए हैं, जिससे तनाव और आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। BIYZEN Youth Services हजारों बच्चों को आत्महत्या से बचा चुका है और उन्हें अपनी सेवाएं प्रदान कर चुका है। उनकी Stress Reliever Shield...